नमस्कार दोस्तो आप सभी का एक बार फिर से स्वागत है | आज फिर से आपको मिलेगी एक नई जानकारी । दोस्तों आज हम आपको बताने वाले है की आप एक C.F.O. कैसे बने ?
मतलब ये कि हर ऑर्गनाइजेशन का एक हायर मैनेजमेंट होता है जिसका काम उस कंपनी के वेलफेयर के लिए वर्क करना होता है और इस मॉर्डनाइजेशन में सेवा का बहुत इंपॉर्टेंट रोल होता है C.F.O. यानी चीफ फाइनैंशल ऑफिसर जिसे अपॉइंट करना हर लिस्टेड कंपनी के लिए जरूरी होता है।
C.F.O. किसी कंपनी का सीनियर एग्जिक्यूटिव होता है और उसे कंपनी का टॉप लेवल पाने कंट्रोलर भी कहा जाता है क्योंकि कैश फ्लो और पानी प्लानिंग से रिलेटेड हर एक्टिविटी को C.F.O. को ही हैंडल करता है। एक C.F.O. की प्राइमरी रिस्पॉन्सिबिलिटी होती है कि वो ऑर्गेनाइजेशन के पॉजिटिव पानी और आउटलुक को मेनटेन रखे जिसमें पानी प्लानिंग फाइनेंशियल रिस्क का मैनेजमेंट रिकॉर्ड कीपिंग और फाइनेंशियल रिपोर्टिंग शामिल होती है और इसीलिए सारे मेजर डिसीजन C.F.O. के अप्रूवल के बाद ही लिए जाते हैं।
कुछ सेक्टर्स में C.F.O. डेटा एनालिसिस के लिए भी रिस्पॉन्सिबल होते हैं। अगर एक कंपनी को कैपिटल रेज करनी हो मनी इन्वेस्ट करनी हो कोई नई पार्टनरशिप या कोई मेजर प्रोजेक्ट स्टार्ट करना हो तो ऐसे सारे डिसिजन C.F.O. के अप्रूवल के बेसिस पर ही लिए जाएंगे। एक C.F.O. का रोल ट्रेजरर और कंट्रोलर के सिमिलर होता है क्योंकि वो अकाउंटिंग बिजनेस को मैनेज करने के लिए रिस्पॉन्सिबल होते हैं और वो इंश्योर करते हैं कि फिक्स टाइम में कंपनी की फाइनेंशल रिपोर्ट्स कंप्लीट भी हो जाएं और एक्यूरेट भी हो।
C.F.O. के बारे में इतना जानने के बाद ये तो समझ ही आ गया है कि ऑर्गनाइजेशन में C.F.O. का इम्पॉर्टेंट रोल होता है और शायद आप भी इतनी बड़ी पोजीशन पर पहुंचने का इरादा रखते हों। ऐसे में अगर आपको C.F.O. बनने का प्रोसेस पता चल जाए तो कैसा रहेगा वहां भी बढ़िया ना।
इसीलिए हमने आपकी रिक्वेस्ट पर ये पोस्ट बनाया है ताकि आपके सपनों को पूरा करने में हम आपकी हेल्प कर सकें। तो चलिए शुरू करते हैं सबसे पहले जानते हैं कि एक C.F.O. की में जो रिस्पॉन्सिबिलिटी क्या क्या होती है।
C.F.O. रिस्पॉन्सिबिलिटी क्या क्या होती है।
C.F.O. को ये सारी रिस्पॉन्सिबिलिटी पूरी करनी होती है कंपनी ने इस डिवाइस को एक सिक्योर्ड मंथली और एनुअल फाइनेंशल प्लांस बनाना C.F.O. को सपोर्ट करना कंपनी के पॉल्यूशन कंट्रोल और अकाउंटिंग प्रसीजर को मैनेज करना कंपनी का रेवेन्यू इंक्रीज करना और कॉस्ट रिड्यूस करने की एडवाइस देना कंपनी के एनुअल फाइनेंशियल विक्टिम्स को फुल फिल करने के लिए ऐक्शन प्लान सजेस्ट करना कंपनी को पानी और परफॉर्मेंस पर फुल ट्रांसपेरेंसी इंश्योर करना बिलिंग क्लाइंट्स पेमेंट्स में एक्यूरेसी और स्पीड को मेंटेन रखना और रिक्वायरमेंट के अकॉर्डिंग सभी टैक्स डॉक्यूमेंटेशन प्रड्यूस करना एक्सट्रा दो C.F.O. की रिस्पॉन्सिबिलिटी के बारे में जान लेने के बाद आइए अब आगे जानते हैं C.F.O. बनने के लिए क्राइटेरिया के बारे में ताकि आपको पता चल सके किस पोजिशन तक पहुंचने के लिए आपको कौन सी कंडीशंस को पूरा करना होगा।
C.F.O. बनने के लिए क्राइटेरिया क्या होता है ?
बड़ी कंपनीज में ज्यादातर C.F.O. फाइनेंस क्वॉलिफिकेशन रखते हैं जैसे MBA यानी कि मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन मास्टर ऑफ फाइनेंस या मास्टर ऑफ साइंस इन अकाउंटिंग और CFT। या फिर वो अकाउंटिंग बैकग्राउंड से आते हैं जैसे कि सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट होते हैं।
पुलिस डिपार्टमेंट यूज के लिए क्वॉलिफाइड अकाउंटेंट्स जैसे सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट चार्टर्ड अकाउंटेंट सर्टिफाइड मैनेजमेंट अकाउंटेंट और चार्टर्ड सर्टिफाइड अकाउंटेंट से मिलकर बना होता है। अगर आप ये सोच रहे हैं कि कोई कोर्स करके या एग्जाम देकर आप डायरेक्ट C.F.O. की पोजिशन तक पहुंच सकते हैं तो ऐसा बिल्कुल नहीं है बल्कि इस पोजिशन तक पहुंचने के लिए आपको कई सारे स्टेप्स पार करने होंगे क्योंकि ये डेस्टिनेशन टॉप पर है जहां तक पहुंचने के लिए आपको गोल सेट करना होगा और स्टेप बाई स्टेप उसकी तरफ बढ़ना होगा।
आपकी स्कूलिंग ग्रैजुएशन और आगे की प्रोफेशनल डिग्री व सब इसी मिशन का हिस्सा होंगी और जो एक्सपीरियंस आप इस फील्ड में लेंगे वो भी उतना ही इम्पॉर्टेंट होगा इसीलिए आपको पेशेंस बनाए रखना होगा। आपके माइंड में अपने प्रोफेशन के लिए क्लैरिटी होनी चाहिए और आपके कंसिस्टेंसी रेकॉर्ड्स भी जरूरी होंगे। इसीलिए स्कूल लेवल से ही फाइनेंस की नॉलेज लेना स्टार्ट कीजिए ताकि आप सही टाइम पर अपनी ड्रीम जॉब तक पहुंच सके। यानी जब आप C.F.O. बनने के लिए खुद को तैयार करेंगे तो आपको ये क्राइटेरिया फुल फिल करना होगा।
सबसे पहले आपको किसी बोर्ड से 10+2 क्लास पास करना जरूरी है उसके बाद आपको बैचलर डिग्री लेनी चाहिए और अगर आप C.F.O. बनना चाहते हैं तो आप कोई डिग्री अकाउंटिंग फाइनेंस में लेने ही चाहिए। इसके लिए आप BBA BBM या B.com कर सकते हैं। CA बनने की जर्नी में आपका पहला स्टेप साबित होगा इसलिए अच्छे से सोच समझ कर के ही आप ये स्टेप उठाएं।
इसके बाद आप MBA करेंगे तो आपको प्रिफरेंस मिलेगी आपको MBA में फाइनेंस स्पेशलाइजेशन लेना चाहिए। आप चाहें तो स्पेशलाइजेशन भी ले सकते हैं जिसमें फाइनेंस और ऑपरेशंस दोनों हों। MBA करने से आप में ऑर्गनाइजेशन के पानी से डिसीजन लेना काफी आसान हो जाएगा।
आपके पास प्रोफेशनल डिग्री भी होनी चाहिए जो इनमें से कोई हो सकती है। चार्टर्ड अकाउंटेंट फाइनेंस। डिटेल में समझने के लिए सीए परफेक्ट होता है जिसे करने के बाद आप किसी को बनने के चांसेस काफी बढ़ जाएंगे।
चार्टर्ड फाइनैंशल एनालिस्ट सीए की ही तरह सी एस पी यानी की चार्टर्ड पानी एनालिस्ट भी एक प्रोफेशनल कोर्स होता है जो आपको फाइनेंशल डोमेन के बारे में सिखाता है और आपको C.F.O. के रोल के लिए तैयार करता है और इसी तरह C.F.O. यानी की कॉस्ट मैनेजमेंट अकाउंटिंग सीपी यानी सर्टिफाइड पब्लिक अकाउंटेंट प्रोफेशनल कोर्सेज भी कर सकते हैं यानि सीए के लिए बेस्ट सूटेबल प्रोफेशनल कोर्सेस में आपके पास चार चॉइस हैं।
सीए सीएस सीएमए और सीए उस क्राइटेरिया को फुल फिल करने के बाद जब आप फाइनेंशियल वर्ल्ड में एंट्री लेंगे उसके बाद सीएफओ की पोजिशन तक पहुंचने के लिए आपके पास सीनियर फाइनेंशल मैनेजेरियल पोजिशन पर वॉक करने का 10 साल का एक्सपीरियंस होना भी जरूरी होगा। अब पोजिशन इतनी हाई है तो एक्सपीरियंस भी स्ट्रॉन्ग ही चाहिए होगा न।
इसके अलावा के पास बहुत सी स्किल्स का होना भी जरूरी है जैसे एनालिटिकल स्किल्स कम्यूनिकेशन स्किल्स कॉस्ट मैनेजमेंट स्किल्स लीडरशिप स्किल्स प्रॉब्लम सॉल्विंग स्किल्स रिपोर्टिंग प्रेजेंटेशन स्किल्स टाइम मैनेजमेंट स्किल्स MS एक्सीलेंट डेटाबेस क्वेरी नॉलेज और स्टेक होल्डर मैनेजमेंट जैसी स्किल्स।
अगर C.F.O. के करियर बात को करीब से देखें तो आपको समझ आएगा कि सीएफओ बनने के लिए आपको किसी और ग्रैजुएशन से लॉन्ग टर्म के लिए जुड़े रहना होगा और C.F.O. बनने के लिए आपको प्रमोशन और इंटरनल जॉब पोजिशंस की जरूरत पड़ेगी और आपको ये मौका जल्द से जल्द मिल सके इसलिए यह जरूरी है कि आप आनर्स बैकग्राउंड से हों और आपके पास रैकवार एक्सपीरियंस भी हों।
अगर ऑपरेशन रिलेटेड रोल में वर्क करेंगी तो भी आपके लिए सीएफओ बनना पॉसिबल हो जाएगा क्योंकि ऑपरेशन मैनेजर के पास थोड़ी टेक्निकल और फाइनेंशल नॉलेज होती है जो C.F.O. की पोजिशन भी पहुंचा सकती है। आपको ये भी पता होना चाहिए कि जो पाने या ऑपरेशनल डोमेन में रिक्तियां मैनेजर की पोस्ट पर वर्क कर रहा हो उसी की पोस्ट का नैचुरल कैंडिडेट बन जाता है इसलिए इन पोजिशंस तक पहुंच कर भी C.F.O. बना जा सकता है और हां आपकी लीडरशिप स्किल्स भी आपको स्ट्रॉन्ग कैंडिडेट बनाएगी।
C.F.O. की सेलेरी कितनी होती है ?
वैसे सेवा को मिलने वाला सैलरी पैकेज जानें तो कंपनी की इतनी सारी रिस्पॉन्सिबिलिटी उठाने वाले C.F.O. की मिनिमम सैलरी मिलियन के आसपास हो सकती है जो स्टार्टअप्स और स्मॉल ऑर्गेनाइजेशंस के लिए हुआ करती है जबकि मैक्सिमम सैलरी एक मिलियन पर एनम तक भी हो सकती है और ये सैलरी पैकेज आपके प्रीवियस सैलरी एक्सपीरियंस स्किल्स और अदर फैक्टर से अफेक्ट होगा साथ ही ऑर्गनाइजेशन की लोकेशन और साइज भी इस पे स्केल को अफेक्ट करेगी।
इसके अलावा C.F.O. को इंसेंटिव बोनस प्रॉफिट शेयरिंग और स्टॉक ऑप्शंस भी मिला करते हैं तो दोस्तो इस तरह आपके C.F.O. बनने का पूरा प्रोसेस आ गया है और आप ये भी समझ गए हैं कि भले ही C.F.O. बनने की जर्नी काफी लंबी है लेकिन अगर सही रूट पकड़ा जाए तो उसे टाइम में यहां तक पहुंचा जा सकता है। ये पोस्ट आपको कैसा लगा कमेंट बॉक्स में क्लिक करके जरूर शेयर कीजिएगा।
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